Swiggy के नए CEO रोहित कपूर आजकल चर्चा का केंद्र बने हुए हैं। उनकी लीडरशिप स्टाइल और नई सोच ने कॉर्पोरेट दुनिया में उन्हें एक हीरो बना दिया है। खासकर उनकी “घर जाओ” नीति ने सबका ध्यान खींचा है। रोहित कपूर का मानना है कि काम के बाद घर जाना उतना ही ज़रूरी है जितना काम करना।
Hustle Culture कौन हैं रोहित कपूर?
रोहित कपूर एक जाने-माने कॉर्पोरेट लीडर हैं, जिन्हें स्विगी ने हाल ही में अपना CEO नियुक्त किया है। इससे पहले वह ओयो और मैकिंजी जैसी बड़ी कंपनियों में ऊंचे पदों पर रह चुके हैं। उनकी प्रबंधन शैली का एक अनूठा पहलू यह है कि वह केवल बिजनेस ग्रोथ पर ही ध्यान नहीं देते, बल्कि अपने कर्मचारियों की भलाई को भी सर्वोपरि मानते हैं।
What is Hustle Culture ‘घर जाओ’ नीति क्या है?
आजकल कॉर्पोरेट वर्ल्ड में देर तक ऑफिस में बैठकर काम करने का ट्रेंड देखा जाता है। इसे देखकर हीरो जैसे रोहित कपूर ने अपनी कंपनी स्विगी में ‘घर जाओ’ की पहल की। उन्होंने अपने कर्मचारियों से स्पष्ट कहा है कि काम के घंटों के बाद घर जाना चाहिए, क्योंकि आराम और निजी समय भी जीवन का एक अहम हिस्सा है। उनका मानना है कि अधिक काम करने से कर्मचारी न सिर्फ शारीरिक और मानसिक थकान का शिकार होते हैं, बल्कि उनकी उत्पादकता भी घटती है।
रोहित कपूर का कहना है, “देर रात तक ऑफिस में बैठकर काम करना कोई सफलता की निशानी नहीं है। हमें अपनी ज़िंदगी और काम के बीच संतुलन बनाना चाहिए।”
- Sahara India का पैसा कब मिलेगा? जानिए पूरी जानकारी, sahara india ka paisa kab milega
- गोविंदा की नई फिल्म: दर्शकों का दिल जीतने आ रहा है एक और धमाका!, govinda news
- ‘वक़्त थम सा गया जब मैंने उसे फिर से देखा…’: मोहम्मद शमी ने अपनी बेटी से मिलने का भावुक वीडियो किया साझा, Mohammed Shami
- स्विगी के सीईओ बोले- आधी रात तक काम क्यों करते हो? रोहित कपूर ने कहा- ये ‘नॉनसेंस’ आइडिया, सक्सेस के लिए पागल होना जरूरी नहीं
- सहारा का पैसा कब मिलेगा? निवेशकों को कब तक करना होगा इंतजार? Sahara ka Paisa kab Milega
Why Hustle Culture is Toxic कर्मचारियों की ज़िंदगी में सुधार
इस नीति ने स्विगी में काम करने वाले कर्मचारियों की ज़िंदगी में एक बड़ा बदलाव लाया है। लोग अब अपने काम के बाद परिवार के साथ समय बिता रहे हैं, अपने शौक पूरे कर रहे हैं और मानसिक रूप से अधिक स्वस्थ महसूस कर रहे हैं। स्विगी के एक कर्मचारी ने कहा, “पहले हम दिनभर काम करते थे और फिर देर रात तक ऑफिस में बैठते थे, लेकिन अब हमें अपने काम और आराम दोनों का समय मिल रहा है। इससे हमारी एनर्जी और काम करने की क्षमता दोनों बढ़ गई हैं।”
Hustle Culture is Not Healthy रोहित कपूर क्यों हैं कॉर्पोरेट हीरो?
रोहित कपूर ने अपनी अलग सोच और मानवीय दृष्टिकोण के चलते खुद को एक ‘कॉर्पोरेट हीरो’ के रूप में स्थापित किया है। वह न सिर्फ स्विगी को आगे ले जा रहे हैं, बल्कि अपने कर्मचारियों को एक बेहतर जीवन शैली भी दे रहे हैं। उन्होंने यह साबित किया है कि एक कंपनी तभी सफल हो सकती है जब उसके कर्मचारी खुश और स्वस्थ हों।
Culture क्या सीखें दूसरी कंपनियां?
रोहित कपूर की यह पहल आज की तेजी से बढ़ती कॉर्पोरेट दुनिया में एक मिसाल बन गई है। दूसरी कंपनियां भी इस पहल से सीख ले सकती हैं कि ज्यादा काम का दबाव डालने के बजाय कर्मचारियों को स्वस्थ वातावरण देना उनकी उत्पादकता को बढ़ाता है।
Swiggy Delivery Boy Salary निष्कर्ष
स्विगी के CEO रोहित कपूर आज के कॉर्पोरेट जगत के लिए एक प्रेरणा हैं। उनकी ‘घर जाओ’ नीति ने साबित कर दिया है कि काम के साथ-साथ आराम और निजी जीवन का भी महत्व है। इस पहल से वह सिर्फ एक कंपनी लीडर नहीं, बल्कि एक ऐसे लीडर बन गए हैं, जिसकी ज़रूरत हर कंपनी को है।
इस नीति से यह साफ हो गया है कि सफलता का मतलब सिर्फ काम नहीं, बल्कि जीवन में संतुलन होना चाहिए। यही वजह है कि रोहित कपूर आज कॉर्पोरेट जगत में एक हीरो की तरह देखे जा रहे हैं।